जिन्दगी के सफ़रनामें में कभी किसी के आने का इन्तजार, पदचापों की आहट.. बदन में झुरझुरी पैदा करने के लिए काफी है...... इसी सफरनामे से एक अभिव्यक्ति...... शायद ये मेरी चाहत हो..... हो सकता है..... आप भी कभी इसकी गिरफ्त में रहें हों.... अगर शोर है... तो भी पढ़ना, मौन हो तो भी पढ़ना... दिल की दास्ताँ हर पल सुनी जाती है..... समर्पित है मेरी जिन्दगी की सबसे बड़ी जरूरत..... मेरी जीवन संगिनी सुषमा को.
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7 comments:
बहुत सुन्दर अहसासों को सुन्दर शब्दों से नवाज़ा है………भावभीनी प्रस्तुति। और जो महसूस्र होता है वो ही लिखती हूँ झठी तारीफ़ नही आती।
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बहुत सुन्दर लिखा है भाई ..... प्रेम का दर्शन होता है हर एक शब्द से
बहुत सुन्दर लिखा है ......एक एक शब्द प्रेम का दर्शन कराता है
सुन्दर अभिव्यक्ति ....सादगी कि भाषा से लिखी हुई एक सची अभिव्यक्ति
बहुत खूब
khubsurat rachna......
एहसासों का अच्छा चित्रण ...बहुत खूब
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